Monday, 26 January 2015



समय


  ’काम-काम’ कहकर
  लोग रहते हैं व्यस्त।
  काम करके वे 
  हो जाते हैं सुस्त॥
पैसे और नाम कमाने
भागते रहते हैं लोग।
उनके पास समय नहीं है
करने सुख का भोग॥
  बच्चों को समय नहीं है
  माँ-बाप के लिए।
  न ही माँ-बाप के पास
  है वक्त बच्चों के लिए॥
होते हैं रास्तों में
कई-कई दुर्घटनाएँ।
वे जल्दी में रहकर दूसरों
को धक्का दे जाएँ॥
  चलता रहता है समय
  किसी के लिए रुकता नहीं।
  रिश्तों की खुशियों में लोग
  समय बरबाद करेंगे नहीं॥
समय के साथ बदलती 
रहती है यह दुनिया।
समय की कमी महसूस 
होती है हम सबको यहाँ॥





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